The Soda Pop
मेरे ज़ज़्बात :: जिसे सीखने की हैं ख्वाहिश !!
जिसे सीखने की हैं ख्वाहिश, इक दिन वो परवान चढा हैं |

जो झुकता हैं बड़े अदब से, सचमुच वो इंसान बड़ा हैं ||

जो बेमतलब तने रहेंगे, इक दिन टूटेंगे आखिर |

वही गिरा हैं बीच राह में, बेमतलब जो यहाँ अड़ा हैं ||

प्यार-मोहब्बत बाँटो सबको, लेकिन ज़्यादा ग्यान न दो |

वही छलकता हैं कुछ ज़्यादा, खाली-खाली अगर घड़ा हैं ||

पत्थर था वो छेनी खाकर, आज देवता बन बैठा |

जो बचता हैं बेचारा, वो धूल फाँकता दूर पड़ा हैं |

कौन भला उसको रोकेगा, उसकी जीत तो निश्चित हैं |

दुनिया से पहले वो खुद से रोज़ाना ही खूब लड़ा हैं ||

अपनी झूठी शान में आ कर हमने देखा हैं'कंचन'

बरसो पहले जहाँ खड़ा था बंदा, आखिर वहीं खड़ा हैं ||

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